वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि अब 7 लाख से कम आय वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, यह लाभ केवल नई टैक्स रिजीम को चुनने वालों को मिलेगा.
वहीं 3 लाख रुपये तक आय वाले सभी लोगों पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा. वित्त मंत्री ने बजट में नया आयकर स्लैब पेश किया. लेकिन 60 लाख रुपये से अधिक की आय वालों को नई कर व्यवस्था फायदेमंद लग सकती है, जबकि कम आय वर्ग के लोग जो कई कटौती का दावा करते हैं, वे अभी भी पुरानी कर व्यवस्था को बेहतर मानते हैं.
बता दें कि साल 2020 में वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन दिया था. नए टैक्स सिस्टम (New tax system) में टैक्सपेयर को कुछ अतिरिक्त छूट दी गईं. 1 अप्रैल 2020 से नया टैक्स सिस्टम लागू है. देश की जनता अपनी मर्जी से नई और पुरानी व्यवस्था का चुनाव कर सकती है, लेकिन दोनों के लिए नियम अलग-अलग बनाए गए हैं.
जानिए क्या हैं नियम
टैक्सपेयर्स पुराने टैक्स स्लैब से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं. हालांकि यह छूट कुछ खास वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए ही है. नौकरीपेशा नए स्लैब में जाकर वापस आ सकते हैं. नौकरीपेशा हर वित्त वर्ष में टैक्स स्लैब स्विच कर सकते हैं. जिनकी सैलेरी, किराए या अन्य सोर्स से आय है, वे हर बार टैक्स स्लैब बदल सकते हैं. अगर आपकी बिजनेस से इनकम है तो आप सिर्फ एक बार शिफ्ट कर सकते हैं. बिजनेसमैन एक बार स्विच करने पर वापस नहीं आ सकते.
7 लाख तक नहीं देना होगा टैक्स
साथ ही बजट में नए और पुराने टैक्स स्लैब में रिबेट की लिमिट को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है. इसका मतलब हुआ कि अब 7 लाख रुपये की कमाई तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. रिबेट के अलावा टैक्स पर सीधी छूट भी 50 हजार रुपये बढ़ा दी है. यानी पहले जहां 2.5 लाख तक की सीधी टैक्स छूट थी, वह अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है.