Maharashtra Beuro:- राज्य में 11 सीटों के लिए विधान परिषद चुनाव होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनावों में मिली हालिया सफलता से उत्साहित विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिससे संभावित क्रॉस-वोटिंग और हॉर्सट्रेडिंग की स्थिति बन गई है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने नौ उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि एमवीए के पास केवल 67 विधायकों का समर्थन है। इसलिए, यह चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा मुकाबला बनने जा रहा है। निर्दलीय विधायक इस कड़े राजनीतिक युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
किसके पास कितनी ताकत
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के समीकरणों में किसके पास कितनी ताकत है, इस पर एक नजर डालते हैं। महायुति गठबंधन के पास कुल 181 विधायकों का समर्थन है, जबकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के पास 64 विधायक हैं। इसके अलावा, छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की संख्या 29 है। इस समीकरण के आधार पर, कांग्रेस का एक उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत सकता है क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्या में विधायक हैं।
हालांकि, शिवसेना (UBT) के पास आवश्यक समर्थन नहीं है, जिससे उनके उम्मीदवार की जीत संदिग्ध हो सकती है। इसी तरह, एनसीपी (AP) का एक उम्मीदवार भी आसानी से जीत सकता है, लेकिन उनके दूसरे उम्मीदवार के पास जीत के लिए जरूरी वोट नहीं हैं। दूसरी ओर, बीजेपी के सभी पांच उम्मीदवार निर्दलीय विधायकों की मदद से आसानी से जीत सकते हैं।
इस तरह की स्थिति में निर्दलीय विधायक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। यह चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा मुकाबला बनने जा रहा है और इससे राज्य की राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। क्रॉस-वोटिंग और हॉर्सट्रेडिंग की संभावना को देखते हुए, सभी दल अपनी रणनीति को मजबूत करने में लगे हुए हैं। विधान परिषद चुनाव के ये परिणाम न केवल वर्तमान राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेंगे, बल्कि भविष्य की राजनीति की दिशा भी तय करेंगे।