चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) से हटकर अलग-अलग चुनाव लड़ने के संकेत हैं. दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं ने यह संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि दोनों पार्टियां राज्य में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी. नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि पंजाब में कांग्रेस को अकेल ही चुनाव लड़ना चाहिए और भाजपा का विरोध करने के लिए बाद में एकजुट होना चाहिए. इसी बीच पंजाब की कैबिनेट मंत्री का बयान आया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कहा है कि आम आदमी पार्टी को पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी किसी भी गठबंधन के हक में नहीं है. आप प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने भी कहा है कि हम स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे. आप के सूत्रों का कहना है कि बातचीत में रुकावट आ गई है क्योंकि कांग्रेस चाहती है कि दोनों पार्टियां सात-सात सीटों (पंजाब में 13 और चंडीगढ़ में एक) पर चुनाव लड़े, जबकि आप उन्हें केवल पांच सीटें देने को तैयार है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अलग-अलग चुनाव लड़ना फिलहाल कल्पना है. राज्य में दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच संभावित टकराव का संकेत देते हुए सीएम मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने लोगों के जनादेश के बाद पंजाब में अपनी पहली सरकार बनाई है. राज्य ने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को अभूतपूर्व जनादेश दिया था. हम चुनाव से पहले किए गए वादों के अनुसार जनता की सेवा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं और अब तक बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और किसान कल्याण, बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है